दिल्ली एनसीआर में पुलिस ने किया बड़ा पर्दाफश नकली कैंसर दवा बनाने वालों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें, कि आरोपियों के टारगेट पर दिल्ली के बाहर से रहने वाले मरीज होते थे। और खासतौर से हरियाणा, बिहार, नेपाल या फिर अफ्रीकी देशों से आने वाले मरीजों को शिकार बनाते थे।
दिल्ली-NCR नकली दवाइयों का हुआ पर्दाफ़ाश
बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से 89 लाख रुपये नकद, 18 हजार रुपये के डॉलर और चार करोड़ रुपये की 7 अंतरराष्ट्रीय और 2 भारतीय ब्रांडों की नकली कैंसर दवाएं बरामद की है। और वहीं स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच शालिनी सिंह के मुताबिक, तीन महीने की जांच के बाद उनकी टीम ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने दिल्ली-एनसीआर में 7- 8 जगहों पर एक साथ छापेमारी की. रेड के दौरान डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर के दो फ्लैट में नकली दवाइयां बनाते हुए पकड़ी गईं।
कैंसर की शीशियों में नकली दवा
गौरतलब है कि डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स इस रैकेट का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना था। वहीं पुलिस के मुताबिक यहां पर विफल जैन कैंसर की नकली दवाइयां को बनाता था। विफल ही इस पूरे गैंग का लीडर भी था। पुलिस के मुताबिक इसने डीएलएफ ग्रीन्स में दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स किराए पर ले रखे थे। यहां पर ये कैंसर की दवा की खाली शीशियों में नकली दवाई भर देता .पुलिस ने यहां से ऐसी 140 शीशियां बरामद की। इन शीशियां पर ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल ब्रांड नाम लिखा था। इन ब्रांड्स की शीशी को इकट्ठा करके उनके अंदर नकली कैंसर इंजेक्शन भर देते थे। जांच में पता चला कि इन शीशियों में एंटी फंगल दवा होती थी।